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लेखनी कहानी -08-Dec-2022 "बालिका वधु'

   "बालिका वधु

फूट-फूट कर रो रही थी 
बेटी लग के गले मां के आंचल से 
मां क्यों ब्याह किया है मेरा 
इस नाजुक सी आयु में 
अभी तो उम्र मेरी है मां 
गुड्डा गुड़ियों का ब्याह रचाने की 
फिर क्यों मुझको बांध दिया है 
इस  नाजुक से बंधन में
 कैसे छोड़ कर जाऊं अभी मैं 
अभी तो माँ  उम्र है मेरी
 तेरे आंचल से लिपट कर सोने की 
मैं तो छोटी गुड़िया हूं मां 
कैसे यह  बोझ उठाऊँगी
जो अभी-अभी पूरे हुए हैं 
तेरे इस बड़े से आंगन में 
अभी तो उम्र है खेल कूद और पढ़ाई की फिर कैसे दूजे घर जाकर 
ब्याह के सातों वचन निभाऊंगी 
यह कैसा चलन है मां मेरी
 यह मुझको तू समझा दे ना 
छोटी बालिका को बनाकर वधू 
डोली में क्यों बिठा दिया गया है माँ
मेरी प्यारी माँ कुछ तो बोलो
क्या उम्र मेरी है सासरे जाने की.....????? 

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8 Comments

Muskan khan

09-Dec-2022 06:24 PM

Amazing

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Thank You😊😊

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Sachin dev

09-Dec-2022 05:48 PM

Well done

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बहुत बहुत धन्यवाद🙏🙏

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शानदार प्रस्तुति 👌🙏🏻

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बहुत बहुत धन्यवाद🙏🙏

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